लाखों हिन्दी जानने वाले हमारे भाईयों-बहनों को अरबी न समझने के कारण नमाज़ पढने में दिक्कत होती है, उनकी परेशानी को देखते हुये, पेश है ऐसी किताब जो नमाज विषय पर हिन्दी में सभी जानकारी देती है,
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पाँचों नमाजों सहित ईद, जनाजे और जुमे जैसी सब नमाजें सीखने के लिए, और सभी के जानने के लिए कि इनमें क्या पढा जाता है, अरबी आयतों को हिन्दी में पढकर सीखा भी जा सकता है, namaz ke tarika सिखाने वाली लाजवाब किताब आनलाइन , one page design namaj ka tareeka
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डाउनलोड न कर पायें तो 3 namaz फाइल इमेल से मंगा सकते हैं umarkairanvi@gmail.com
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कुरआन पढने की खाहिश रखने वाले जो उर्दू अरबी ना जानते हों अनुवाद के साथ साथ अरबी को हिंदी में पढें , amazon पर हिंदू भाई के कमेंट से समझें
Quran Majeed (Shudh Hindi Anuwad)
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Aurtaun Ki Namaz aur Zaroori Ahkaam wa Masail -
नमाज़ डाक्टर असलम कासमी साहब के शब्दों में
namaz हर मनुष्य चाहे वह कहीं भी और किसी भी स्थिति मे हो रात और दिन में पाँच बार ईश्वर के सामने एक विशेष क्रिया कलाप है जिसमें केवल चन्द मिनट लगते हैं, यह जान और समझ कर करना है कि ईश्वर उसे देख रहा है और वह ईश्वर को। जब कोई मनुष्य रात दिन में पाँच बार ईश्वर के सामने इस यक़ीन के साथ खड़ा होता है कि मरने के बाद एक दिन उसे ईश्वर की अदालत में अपने हर अच्छे बुरे कार्य का हिसाब देना है जिसके बदले उसे या तो अनन्त तक के लिए स्वर्ग का आराम मिलेगा या नरक की यातनाएं, तो फिर वह अपने जीवन में अच्छे कार्य करता है और बुरों से बचता है, पाँच समय के अभ्यास से उसके के हृदय में ईश्वरीय सत्ता स्थापित हो जाती है, फिर वह चोरी नही करता, किसी का ना हक़ खून नही बहाता, किसी का हक़ नही मारता, किसी को बुरी नज़र से नही देखता, केवल इसलिए ही नही कि यह कार्य करने से उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है बल्कि इसलिए भी कि वह दुनियावी अदालत की नज़र से तो बच सकता है परन्तु उस ईश्वर की नज़र से नही बच सकता जो हर समय और हर जगह है। अब अगर वह एक अधिकारी है तो रिश्वत नही लेगा केवल इसलिए नही कि उसे अपने से ऊपर के आफिसर का भय है जिसकी वह पकड़ में भी आ सकता है और बच भी सकता है, बल्कि इसलिए कि उसे ईश्वर की पकड़ का यक़ीन है। अब अगर वह एक कर्मचारी है तो उपने कर्तव्य और समय का पालन अधिकारी के डर से नही बल्कि ईश्वरीय डर से करता है, अर्थात् कोई उसे देख रहा हो या न देख रहा है, वह बुराई से बचता है और अच्छे कार्य करता है क्योंकि वह जहाँ भी है ईश्वर उसे देख रहा है जो उसके द्वारा किए कार्यो का हिसाब लेगा।
और अगर कोई नमाज़ पढ़ने के बावजूद भी बुराइयों से नही रूकता तो समझिए कि वह नमाज़ नही पढ़ रहा है केवल औपचारिकता निभा रहा है। क़ुरआन में हैः
नमाज बुराइयों और बे हयाई की बातों से रोकती है। सूरह अनकबूत आयत 45
नमाज फारसी शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरआन शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा कर्तव्य है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा त्याग देना पाप है। more
नमाज - विकिपीडिया
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speech on The Muslim Women l | triple talaq bill by MP Ranjeet Ranjan at Parliament of India 27-12-2018
Speech भाषन on The Muslim Women | triple talaq
bill by Congress MP M. P. Mrs. Ranjeet Ranjan at Parliament of India , Dated 27-12-2018
https://ranjitranjanlecture.blogspot.com/2019/01/speech-on-muslim-women-l-triple-talaq.html
After Hindi , English and Urdu translation with Roman Urdu/hindi
In English
Triple Talaq Bill - Congress MP “Ranjit Ranjan” Full Speech in Parliament (Hindi Language)
तलाक़ के क़ानून पर श्रीमती रंजीत रंजन, सांसद सुपौल (बिहार) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
का संसद में Dated 27-12-2018 को दिया गया भाषण
Speech भाषन on The Muslim Women | triple talaq
bill by Congress MP M. P. Mrs. Ranjeet Ranjan at Parliament of India , Dated 27-12-2018
https://ranjitranjanlecture.blogspot.com/2019/01/speech-on-muslim-women-l-triple-talaq.html
Triple Talaq Bill - Congress MP “Ranjit Ranjan” Full Speech in Parliament (Hindi Language)
तलाक़ के क़ानून पर श्रीमती रंजीत रंजन, सांसद सुपौल (बिहार) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संसद में Dated 27-12-2018 को दिया गया भाषण
bill by Congress MP M. P. Mrs. Ranjeet Ranjan at Parliament of India , Dated 27-12-2018
https://ranjitranjanlecture.blogspot.com/2019/01/speech-on-muslim-women-l-triple-talaq.html
After Hindi , English and Urdu translation with Roman Urdu/hindi
In English
Triple Talaq Bill - Congress MP “Ranjit Ranjan” Full Speech in Parliament (Hindi Language)
तलाक़ के क़ानून पर श्रीमती रंजीत रंजन, सांसद सुपौल (बिहार) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संसद में Dated 27-12-2018 को दिया गया भाषण
thanx,iski bahut zuroorat thi
ReplyDelete@ अजनबी -यह जरूरत तो मैंने पूरी कर रखी थी, आपको खबर न हो सकी , उधर यह बुक 945 बार पढी जाचुकी, इस वेब की तरफ से कहा गया था
ReplyDeleteumarkairanvi's Document:has made it into the Scribd hotlist. Congratulations!
Reads:950
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तकनीकी कारणों या स्टाफ की लापरवाई से हुई चुक को इतनी जल्द ठीक कर देने पर ब्लागवाणी का बेहद शुक्रिया
ReplyDeletecommnets no. (2) men 945 भी लिखा है और 950 भी ठीक गिनती क्या है
ReplyDeleteएक ज्ञानवर्धक जानकारी हेतु आभार
ReplyDeleteबी एस पाबला
@ पाबला जी, आपका आना, दो शब्द कहना, बेहद खुशी का बाइस बना, धन्यवाद
ReplyDeleteउमर भाई, इस पुस्तक की नेट मैं बहुत जरूरत थी, चारों तरफ गुनहगारी, भ्रष्टाचार, अत्याचार हो रहा है, इस से कुछ भाई नमाज में अल्लाह से दुनिया में शान्ति की दुआ कर सकेंगे, जज़ाकल्लाह
ReplyDeleteabe kaun padhega namaj ki baat is jamane men kamane ki fursat nahin
ReplyDeleteज्ञानवर्धक जानकारी हेतु आभार
ReplyDeletenamaj
ReplyDeletedo shabdon ka yog hai nam + aj = namaj
ajanme ishwar ko naman karna .
muslims ke saath hinduon ko bhi namaj padhna chahiyye .
pehle ye log namaj hi padhte the .
yag ka adambar baad men shuru hua .
nice post n mufeed .
ReplyDelete@गुरू अनवर जी पहले हिन्दू भाई नमाज पढते थे, हैरत की बात है, कभी इस पर पोस्ट बनाईये, आपसी भाई चारा बढेगा, दोनों मिलके नमाज पढा करेंगे, ईश्वर से शांति की दुआयें किया करेंगे
ReplyDeletebadhiya mera bhaei kafi dinon se namaj ki hindi min ketab dhoond raha tha. shukriya
ReplyDeleteachha he beta ,esi kitaben door tak phoonchani chahien, charon traf markat machi he koe bhlai baton ki traf to ayen
ReplyDeleteकरानवी मियां तुम्हार कथित गुरू से कुछ सवाल उनके ब्लाग पर किये हैं उत्तर दिलवाओ
ReplyDeleteJankari ke liye aabhar.. Jume ke roze rakhte waqt maine bhi namaz ata ki hain.. kash Hindustaan me wo din aaye jab muslim bhai vajoo banayen aur hindoo bhai unke hathon par paani dalen.. muslim bhai chandan ghisen jise hindoo apne mathe par lagayen..
ReplyDeleteumda vishay par wykt kii gayee swachchh baaten ....
ReplyDeletegr8!!!
@Kairanvi bhai
ReplyDeleteapki ichha ka samman zuroor kiya jayega.
hindu bhaiyon ke purane mandiron ka munh bhi masjid ki tarah kaba ki taraf hota hai . Aapko ye baat khud bhi janni chahiyye aur sabko batani bhi chtahiyye .
डाक्टर अनवर साहब जरूर इस बात पर एक किताब लिखए
ReplyDeleteअगर हो सके तो मुझे टाइपिंग के लिए खिदमत का मोका दिज्येगा
@ उस्ताद मोहतरम ! आपने शांति की बात भी ख़ूब कही कि एक पूरा लेख ही इस पर तैयार हो गया है।
ReplyDeleteजिसे आपकी पोस्ट के लिंक के साथ हमने अपने ब्लॉग ‘इस्लाम धर्म‘ पर पब्लिश किया है आज।
सो आपसे दरख्वास्त है कि आप एक नज़र इस पोस्ट पर ज़रूर डाल लीजिए। इसे हम फ़ेसबुक पर भी शेयर करेंगे।
उस लेख का एक अंश यहां सभी के लिए हाज़िर करता हूं।
आओ नमाज़ की तरफ़,
आओ भलाई की तरफ़
दुनिया की भलाई नमाज़ में है।
नमाज़ दुनिया में शांति की स्थापना करती है।
शांति स्वर्ग से है। जो शांति को महसूस करता है, वह अपने अंदर स्वर्ग के आनंद को महसूस करता है। यही वह स्वर्ग का राज्य है जिसे धरती पर लाना है। ईश्वर की इच्छा यही है कि हम उसके नाम से शांति पाएं। नमाज़ के लिए वह हमें इसीलिए बुलाता है ताकि हम शांति पाएं।
शांति क़ायम करना और उसे क़ायम रखना इंसान की बुनियादी ज़रूरत है और इसी को मालिक ने हमारा बुनियादी कर्तव्य और हमारा धर्म निर्धारित कर दिया है।
शांति हमारी आत्मा का स्वभाव और हमारा धर्म है।
शांति ईश्वर-अल्लाह के आज्ञापालन से आती है।
नमाज़ इंसान को ईश्वर-अल्लाह का आज्ञाकारी बनाती है।
नमाज़ इंसान को शांति देती है, जिसे इंसान तुरंत महसूस कर सकता है।
जो चाहे इसे आज़मा सकता है और जब चाहे तब आज़मा सकता है।
उस रब का दर सबके लिए सदा खुला हुआ है। जिसे शांति की तलाश है, वह चला आए अपने मालिक की तरफ़ और झुका दे ख़ुद को नमाज़ में।
जो मस्जिद तक नहीं आ सकता, वह अपने घर में ही नमाज़ क़ायम करके आज़मा ले।
पहले आज़मा लो और फिर विश्वास कर लो।
नमाज़ का पूरा तरीक़ा जानने के लिए देखिए यह वीडियो
http://islamdharma.blogspot.com/2011/12/how-to-perfect-your-prayers-video.html